दोस्तों नमस्ते, कैसे हैं सभी, GOD से प्रर्थना करता हूँ कि सब ठीक से होंगे।
"जियो जी भरके" के इस कड़ी में आज हम आप सभी के साथ स्वास्थ्यवर्धक भोजन की शक्ति से वयस्क बुजुर्ग पुरुष और महिला कैसे स्वस्थ्य बने रहें, इसके बारे में चर्चा करेंगे :-
दोस्तों, हमलोग दिन में कई बार भोजन करते हैं। भोजन हम सभी के स्वास्थय में बहुत ही ज्यादा प्रभाव डालता है। पोषण से भरपूर भोजन ही वयस्क पुरुष और महिला को स्वस्थ्य बनाये रखता है। आईये अब निचे दिए गए कुछ बिंदुओं से हमलोग इसी बारे में और बहुत कुछ समझते हैं :-
वयस्क पुरुष और महिला के लिए आहार :-
- वयस्क पुरुष और महिला को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए। आमतौर पर वयस्क समय की कमी की शिकायत करते हैं तथा गतिहीन जीवन शैली के कारण स्वस्थ आहार संहिता का पालन करना और भी मुश्किल हो जाता है।
- वयस्कों को नमक का उपयोग कम करना चाहिए, क्योंकि नमक के अधिक सेवन से उच्च रक्तचाप होता है। संरक्षित (डिब्बा बंद) खाद्य पदार्थ जैसे कि अचार/पापड़ और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये अधिक नमक सेवन में योगदान देते है।
- वयस्क महिलाओं को कैल्शियम (दुग्ध और दुग्ध उत्पादों) से भरपूर आहार के साथ-साथ आयरन (हरी पत्तेदार सब्जियां-पालक, ब्रोकली आदि) युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
- संतृप्त वसा और ट्रांस वसा जैसे कि घी, मक्खन, पनीर, वनस्पति घी का सीमित उपयोग करें तथा आहार में रेशेदार खाद्य पदार्थों जैसे कि साबुत अनाज, सब्जियां और फलों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,
वयस्कों के लिए स्वस्थ आहार में निम्नलिखित शामिल हैं:
उनके आहार में फल, सब्जियां, फलियां (जैसे कि दाल, सेम), मेवा और साबुत अनाज (जैसे कि मक्का, बाजरा, जई, गेहूं, भूरा चावल/ब्राउन राइस) होनी चाहिए।
प्रतिदिन फल और सब्जियों का कम से कम 400 ग्राम (पांच भाग) में लें। आलू, शकरकंद, कसावा और अन्य जड़ युक्त खाद्य पदार्थों को फल या सब्जी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता है।
असंतृप्त वसा (जैसे कि मछली, अवोकेडो नाशपाती, मेवा, सूरजमुखी, राई और जैतून के तेल में पायी जाती है), संतृप्त वसा (जैसे कि वसायुक्त मांस, मक्खन, ताड़, नारियल तेल, क्रीम, पनीर, घी और सूअर की चरबी में पायी जाती है) से बेहतर होती है।
औद्योगिक ट्रांस वसा (प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड, स्नैक फूड, फ्राइड फूड, फ्रोजन पिज्जा, समोसा व कचौड़ी, कुकीज, नकली या कृत्रिम मक्खन (मार्जरीन एंडस्प्रेड)) स्वस्थ आहार का हिस्सा नहीं हैं।
प्रतिदिन पांच ग्राम से कम नमक (लगभग एक चम्मच के बराबर) और आयोडीन युक्त नमक खाएं।
बुजुर्ग लोगों के लिए आहार :-
साठ वर्ष या इससे अधिक उम्र के व्यक्ति को बुजुर्ग माना जाता हैं। बुजुर्ग लोगों के आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए, ताकि वे तंदुरूस्त और सक्रिय रहें। वरिष्ठ नागरिकों को स्वस्थ और सक्रिय रहने के लिए विटामिन और खनिज की आवश्यकता अधिक होती है।
उम्र बढ़ने से शारीरिक संरचना बदल जाती है तथा ये बदलाव बुजुर्गों की पोषण संबंधी ज़रूरत प्रभावित करता हैं। बुजुर्ग या वृद्ध लोगों को कम मात्रा में कैलोरी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनकी कमज़ोर मांसपेशियां और शारीरिक गतिविधियां उम्र बढ़ने के साथ घट जाती है।
उम्र संबंधित विघटनकारी रोग रोकने और स्वस्थ वृद्धावस्था के लिए बुजुर्गों को अधिक से अधिक मात्रा में कैल्शियम, आयरन, जिंक, विटामिन ‘ए’ और एंटीऑक्सीडेंट की आवश्यकता होती है। उम्र बढ़ने की प्रक्रिया शुरू होते ही अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना बेहद आवश्यक है क्योंकि यह जीवन प्रत्याशा बढ़ाता है।
बुजुर्गों के लिए व्यायाम करना परम आवश्यक है, क्योंकि यह शरीर के वज़न और जोड़ों में लचीलेपन को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित व्यायाम सत्र से विघटनकारी रोगों का ज़ोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
आमतौर पर बुजुर्ग भूख कम लगने या कभी-कभी चबाने में कठिनाई की शिकायत करते हैं। बुजुर्गों का आहार फल और सब्जियों सहित नरम आहार होना चाहिए।
हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि दुग्ध उत्पाद (कम वसा), हल्का दूध (टोंड दूध) और हरी पत्तेदार सब्जियां को प्रतिदिन आहार में शामिल करना चाहिए, ताकि ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों के अस्थि-भंग (फ्रैक्चर) को रोका जा सकें।
पर्याप्त मात्रा में दालें, टोन्ड दूध (हल्का दूध), अंडा-सफेद आदि का सेवन करें, क्योंकि इनमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। बुजुर्गों को संतृप्त वसा, मिठाई, तैलीय आहार, नमक और चीनी के स्तर में कटौती करनी चाहिए। घी, तेल, मक्खन के उपभोग से पूरी तरह बचना चाहिए। इसके अलावा, मसालेदार खाने से भी बचना चाहिए।
बुजुर्गों के भोजन को अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए। उनका भोजन नरम, कम नमक व मसाला रहित होना चाहिए। निर्जलीकरण और कब्ज से बचने के लिए निरंतर अंतराल पर थोड़ी मात्रा में भोजन तथा निरंतर अंतराल पर पानी पीना सुनिश्चित करें।
चिरकालिक रोगों और वृद्धावस्था या रोग के कारण बिस्तर पर पड़े रोगियों के मामले में, चिकित्सीय स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत आहार के लिए चिकित्सक से परामर्श करें।
स्मरण योग्य तथ्य :-
विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाएं।
शारीरिक गतिविधि के अनुरूप भोजन करें।
तले, नमकीन और मसालेदार आहार से बचें।
निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
नियमित व्यायाम करें या टहलने जाएं।
धूम्रपान, तंबाकू चबाने और तंबाकू उत्पादों (खैनी, जर्दा, पान मसाला) तथा अल्कोहल से बचें।
नियमित जांच के लिए जाएं। रक्त शर्करा, लिपिड और उच्च रक्तचाप की नियमित जांच कराएं।
स्वयं दवा लेने से बचें।
तनाव प्रबंधन तकनीक (योग एवं ध्यान) अपनाएं।
अच्छे स्वास्थ्य में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का महत्व
आहार में फल एवं सब्जियां।
विभिन्न प्रकार की वसा/तेल।
नमक उपभोग।
साबुत अनाज।
पानी और पेय पदार्थ।
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और खाने के लिए तैयार आहार।
त्वरित खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड, स्ट्रीट फ़ूड (सड़क पर तुरंत बनाया खाना), अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ से बचाव।
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